हादसे में घायल बच्ची की समय से उपचार न मिलने के कारण हुई मौत !
प्रभात गंगा संवाददाता( दिनेश कश्यप)
खरखौदा :देश में कोरोना वायरस के चलते अस्पतालों में मरीजों की पहले कोरोना जांच कराने तथा इलाज न करने से अन्य बीमारी से मरीजों की मौत हो रहीं हैं कस्बे में एक हफ्ते में दो मौत हो गई कस्बा स्थित बाईपास पर अज्ञात ऑटो की टक्कर से घायल बच्ची का कोरोना की जांच के चलते उपचार न मिलने पर मौत हो गई परिजनों में चिकित्सकों के प्रति काफी रोष है !
कस्बे में एक हफ्ते में अस्पतालों में डाॅक्टर्स द्वारा पहले कोरोना वायरस की जांच कराने की बात कहने तथा उनका समय रहते इलाज न होने पर हो रही मौतों से लोगों में काफी रोष व्याप्त है ! बता दे कि कुछ दिन पहले कस्बा निवासी अस्सी वर्षीय राजाराम त्यागी पुत्र बलवंत के बीमार होने पर अधिकतर अस्पतालों में ओपीडी बंद होने से उन्हें कस्बा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गये थे जहाँ से उन्हें मेरठ मैडिकल के लिए रेफर कर दिया गया रास्ते में उन्होंने दम तोड़ दिया दूसरा मामला मंगलवार की देर शाम कस्बा निवासी अरविंद जाटव की आठ वर्षीय बेटी माही अपनी माँ दादी व बुआ के साथ जंगल में काम कर वापस घर लोट रही थी जैसे ही कस्बा स्थित बाईपास पर पहुंची तभी हापुड़ की ओर से तेजगति व लापरवाही से आ रहे अज्ञात ऑटो ने माही के टक्कर मार दी जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई सूचना पर पहुंचे परिजन उसे पहले कस्बा में स्थानीय चिकित्सक के पास लाये जहाँ उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे मेरठ भेज दिया गया! परिजनो के अनुसार वह उसे मेरठ स्थित एक निजी अस्पताल में ले गये वहा चिकित्सकों ने उसके हाथ व पैर में फैक्चर तथा पेट में चोट होने की बात कही गयी ! आरोप है कि वहाँ मोजूद चिकित्सकों ने पहले कोरोना की जांच कराने की बात कहते हुए भर्ती करने के साथ इलाज करने से मना कर दिया ओर उसे कुछ दवाईयां देकर घर पर ही इलाज कराने की बात कह भेज दिया गया! जिसके बाद वह उसे घर ले आये जहाँ उसकी देर रात मोत हो गयी! परिजनों में स्थानीय चिकित्सकों के द्वारा उसकी कोई मदद नहीं करने पर उनके खिलाफ काफी रोष है ! परिजनों का कहना है कि यदि डाॅक्टर समय रहते उसका उपचार शुरू कर देते तो शायद उसकी जान बच सकती थी ! इस बारे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डाॅक्टर आर के सिरोहा का कहना है कोरोना वायरस का किसी व्यक्ति में है या नहीं टैस्ट के बिना पता नहीं चलता इसलिए पहले टैस्ट जरूरी है चिकित्सक को एक्सीडेंट के पीडित का इलाज शुरू करने के बाद सेंपल लेकर कोरोना टैस्ट के लिए भेज देना चाहिए !