प्रभात गंगा संवाददाता
परीक्षितगढ़ महोत्सव के अंतर्गत नगर के मां कात्यानी देवी मंदिर में भजन संध्या का कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें कलाकारों ने सुंदर सुंदर भजन प्रस्तुत किए इससे पूर्व शुक्रताल से आए स्वामी सत्यानंद महाराज ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया और माता कात्यायनी देवी का पूजन कर राजा परीक्षित एवं कलयुग के आगमन की कथा का वर्णन प्रस्तुत करते हुए कहा कि कलयुग ने राजा परीक्षित को अपने आने की बात कही तो राजा परीक्षित ने कहा कि जब तक पृथ्वी पर मेरा राज्य है कलयुग का आगमन कभी नहीं हो सकता तो कलयुग ने कहा कि जिस प्रकार सतयुग के बाद त्रेता युग उसके बाद द्वापर युग का आना निश्चित है उसी प्रकार कलयुग का भी धरती पर आना निश्चित है महाराज आप मुझे आप मुझे अपने राज्य में रहने के लिए पांच स्थान तो दे ही सकते हैं राजा परीक्षित ने कलयुग को स्वर्ण ,मदिरालय , वेश्यालय, सहित पांच स्थानों में रहने की बात कही इतना कहते ही कलयुग राजा परीक्षित के स्वर्ण से बने मुकुट में प्रविष्ट हो जाते हैं और राजा परीक्षित की बुद्धि भ्रमित हो जाती है यहीं से शुरुआत होती है श्रीमद् भागवत कथा। यह भी सौभाग्य की बात है कि जहाँ से श्रीमद्भागवत कथा शुरू होती है वही पर अखिल विद्या समिति परीक्षितगढ़ महोत्सव का विशाल आयोजन किया जा रहा है। भजन संध्या में कृष्ण गोपाल शर्मा, रामनारायण शर्मा ,नरेंद्र शर्मा रितिका ,स्वाति,ने भजन प्रस्तुत किए । समिति अध्यक्ष विष्णुअवतार रुहेला बताया कि परीक्षितगढ़ महोत्सव आने वाले में आने वाले पर्यटकों की संख्या व्रद्धि को देखते हुए नगर की धर्मशाला व अतिथि गृह में विशेष व्यवस्था की जा रही है। पर्यटकों को किसी भी प्रकार से असुविधा न हो इस लिए समिति कि विशेष टीम भी बनाई गई है। इस अवसर पर मा श्याम सिंह महालवार,पूनम रुहेला,योगेश नंदनी,मानसी नगर, भावना, जितेंद्र सिंह, छिद्दा सिंह त्यागी, चौ रामपाल सिंह, नंदकिशोर पप्पू ,बॉबी आर्य, मनोज शर्मा, संतराम सैनी, सचिन पुरी, आदि उपस्थित रहे।