- पूरा साल खत्म हो गया लेकिन यूनिट जोड़ने -काटने का काम अब भी बरकरार
- मेरठ में ही राशन कार्ड से नाम कटने से हजारो परिवार हो रहे परेशान, साइबर कैफे वाले काट रहे चांदी
- प्रभात गंगा संवाददाता
मेरठ। राशन कार्डों में से परिवार के सदस्यों के नाम गायब हो रहे हैं। किसी परिवार के पांच सदस्यों में तीन तो किसी से चार सदस्य गायब हो गए हैं। किसी किसी का तो पूरा राशन कार्ड ही गायब हो गया राशन कार्ड में हो रहे इस काट छात को लेकर शहर में आये दिन सस्ते गल्ले की दुकानों पर हंगामे होते नजर आते है है। पीड़ित परिवार आपूर्ति विभाग के चक्कर लगा रहे हैं। राशन कार्डों में नाम तो शामिल हो रहे हैं, लेकिन कार्ड धारकों को पहले इस काम के लिए साइबर कैफे पर सुविधा शुल्क देना पड़ रहा है। इस मामले में विभाग के अधिकारियों का कहना है सॉफ्टवेयर राशन कार्ड से जो भी नाम काट रहा है। वह वहीं नाम हैं जो एक से अधिक राशन कार्ड में दर्ज हैं। गलत नामों की पूरी तरह सफाई हो रही है। साथ ही ऑनलाइन आवेदन करने वाले परिवारों के नामों को प्रतिदिन राशन कार्ड में जोड़ा जा रहा है। लेकिन नाम काट दिया गया दुबारा नाम जोड़ दिया फिर कैसे काट दिया इसका जवाब किसी के पास नहीं है
पूरे प्रदेश में पकड़ा गया था राशन कार्डों का फर्जीवाड़ा
-पूरे प्रदेश में राशन कार्डों का फर्जीवाड़ा पूर्व में पकड़ा जा चुका है। फर्जी राशन कार्डों के साथ ही जिला आपूर्ति विभाग में एक शहर के परिवारों के आधार को दूसरे शहरों में लिंक करके भी फर्जीवाड़ा किया गया था। पिछले दिनों हुई जांच के दौरान पूरे प्रदेश में ऐसे सैकड़ों परिवार सामने आए थे जिनके आधार कार्ड को दो से तीन राशन एजेंसियों पर भी लिंक किया गया था और उसी आधार पर फर्जी तरह से राशन निकाला जा रहा था। इस राशन घोटाले के आरोप में कई राशन डीलरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।
फर्जीवाड़े पर सॉफ्टवेयर का वार
राशन माफियों द्वारा प्रदेश के कोने कोने से लोगों के नाम फर्जी तरह से 2 से तीन राशन एजेंसियों पर जुड़वाए गए थे। जांच के बाद सरकार ने राशन कार्ड और राशन वितरण में फर्जीवाड़े पर सॉफ्टवेयर का पहरा लगा दिया। अब यह सॉफ्टवेयर फर्जी तरह से जुड़े नामों को काट रहा है, जिसके कारण आमजन ो भी परेशानी का सामना करना पर रहा है। । कई परिवारों के राशन कार्ड से कई-कई यूनिट गायब हो गई है। अब लोगों को अपने परिवार के सदस्यों के नाम दोबारा राशन कार्ड में जुड़वाने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। ऐसे परिवारों को अब राशन कार्ड से कटी यूनिटों को जुड़वाने के लिए दोबारा से ऑनलाइन आवेदन करना होगा, उसके बाद ही परिवार के सभी सदस्यों के नाम पर राशन मिल पाएगा।
- राशन जुड़वाने के लिए काड़ रहे हैं। इतना ही नहीं साइबर कैफे पर ऑनलाइन फार्म भरने के बाद एक फोटो काफी जिला पूर्ति विभाग में जमा करनी पड़ती है उसके बाद ही राशन कार्ड में नाम जोड़े जा रहे हैं।150 से 200 रुपये में ले रहे साइबर कैफे वाले
राशन कार्ड में नाम जुड़वाने के लिए कार्ड धारक को साइबर कैफे का सहारा लेना पड़ रहा है। जिसके लिए परिवार से 150 से 200 रुपये तक की वसूली हो रही है। लोगों को कई कई बार साइबर कैफे संचालकों को रुपये देने पड़ रहे हैं। इतना ही नहीं साइबर कैफे पर ऑनलाइन फार्म भरने के बाद एक फोटो काफी जिला पूर्ति विभाग में जमा करनी पड़ती है उसके बाद ही राशन कार्ड में नाम जोड़े जा रहे हैं।
अगर नही मिला न्याय तो कही हो ना जाए जिलापुर्ति कार्यलय पर हाय.. हाय...जिलापूर्ति विभाग की करनी का फल भुगत रही गरीब जनता