पाकिस्तान से भारत आईं बहुएं बोलीं, पाक की नापाक हरकतों से मुसलमानों की छवि दुनिया भर में खराब हिन्दुस्तान संवाद,बरेली

सरहद पर तोपों के मुहाने पाकिस्तान और हिन्दुस्तान की मां-बेटियों के दिलों को दहलाते रहते हैं, लेकिन पाकिस्तान की इन बेटियों की दिलों में अब हिन्दुस्तान धड़कता है। 19 साल पहले पाक से हिन्दुस्तान (बरेली) आईं जाहिदा बेगम कहती हैं कि धारा 370, राम मंदिर, नागरिकता संशोधन कानून हमारा आंतरिक मामला है। इसमें पड़ोसी की दंखलदाजी बर्दाश्त नहीं है। हुकुमत ए हिन्दुस्तान विरोध करने वाले पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब दे।



नागरिकता कानून के विरोध में देश भर में चल रहे प्रदर्शन पर पाकिस्तान से शादी कर भारत आयी बहुओं ने पाक को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में मुसलमानों की छवि खराब करने का जिम्मेदार भी पड़ोसी मुल्क है। भारत की मिट्टी और हवाओं में घुल चुकीं बहुओं ने पाकिस्तान को सुधर जाने की चेतावनी दी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि वह भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करे। नागरिकता कानून और धारा 370 देश की एकता और अखंडता के लिये हैं। हिन्दुस्तान की आवाम अमन और शांति चाहती है


बोलीं, पड़ोसी मुल्क में केवल आतंकवाद पनपता है


पाकिस्तान से आईं बहुओं ने कहा कि पड़ोसी मुल्क में सिर्फ आतंकवाद पनपता है। उन्होंने भारत में महफूज रहने की बात कहते हुये कहा है कि पाकिस्तान भारत के मुस्लमानों को चैन से जीने दे। वह पहले अपने मुल्क के लोगों की हिफाजत करें, जहां मुस्लमान खुद सुरक्षित नहीं है।


पाकिस्तान की मानसिकता रखने वाले कर रहे विरोध


कराची की रहने वाली जाहिदा बेगम ने बताया कि 2001 में प्रेमनगर के भूड़ कब्रिस्तान के पास मुजाहिद अली से शादी कर भारत आयी थी। उनकी नागरिकता का आवेदन स्वीकार हो गया है। इसके साथ ही पाकिस्तानी पासपोर्ट भी सरेंडर हो चुका है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के मुसलमानों की वजह से मुसलमान हर जगह शर्मसार हो गया है। जाहिदा कहती हैं कि जो लोग अभिव्यक्ति की आजादी की दुहाई देते हैं, वो एक बार पाकिस्तान जाकर देख लें, वहां नारा लगाना भूल जायेंगे। 


पाकिस्तान का सुधर जाए


कांकर टोला की रहने  वाली राना मुख्तार 1987 में कांकर टोला के रहने वाले सय्यद कमर अली के साथ निकाह कर भारत आयी थी। उसके बाद से ही वह अपनी नागरिकता के लिये दौड़ भाग कर रही थी। इस दौरान 2017 के मार्च में उनके पति की हार्ट अटैक से मौत हो गयी। 2019 में उनको भरतीय नागरिकता मिल गयी। उन्होने बताया कि भारत के लोग अमन चाहते हैं। भारत सरकार लोगों से नागरिकता छीनने का काम करती तो उनको पहले नागरिकता ही नहीं देती। साथ ही पाक को सुधर जाने की भी चेतावनी दी है।


हिन्दुस्तान हमारा मुल्क


पुराने शहर के घेर जाफर खां में रहने वाली उजमा ने बताया कि उनको 2017 में भारतीय नागरिकता मिली थी। वह भी 1987 में भारत आयीं थी। उनके पति जावेद सईद अख्तर आरईडी डिपार्टमेंट के वरिष्ठ सहायक के पद से रिटायर हैं। उन्होने कहा कि भारत में इतने सालों से रहने के बाद भी आज तक कोई भेदभाव नहीं दिखा है। भारत हमारा अपना मुल्क है और हम यहां के रिहायशी हैं। हमें भले ही नागरिकता काफी समय बाद मिली हो। लेकिन भारत में हम लोग 30 साल से रह रहे हैं। यहां हमें अपनापन लगता है।