नहीं रहे आजाद हिंद फौज के

 


 


 


 



बागपत। बावली गांव में सोमवार को 109 साल के स्वतंत्रता सेनानी हरि सिंह का बीमारी के चलते निधन हो गया। सैनिक सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया। इस दौरान पुलिस व प्रशासिनक अधिकारियों के साथ क्षेत्र के गणमान्य लोग भी मौजूदर रहे।
109 साल के हरिसिंह पुत्र फूलसिंह के सर पर भी देश को आजाद कराने का जुनून सवार था। यही कारण था कि 18 साल की उम्र में शादी होते ही वे अन्य साथियों के साथ आजाद हिंद फौज में शामिल हो गए। पानी के जहाज के रास्ते वे सिंगापुर में द्वितीय विश्वयुद्ध की लडाई में शामिल भी हुए। नेताजी सुभाषचंद्र बोस से उन्हें आजादी के बाद मिलने का मौका मिला। परिजन बताते है कि वे इम्फाल भी फौज के साथ गए थे। घर से जाने के बाद वे सात साल बाद घर लौटे थे।  15 अगस्त 1972 को इंदिरा गांधी से उन्हें ताम्रपत्र भी प्राप्त हुआ। हरिसिंह को दो बेटी, एक बेटा जोकि फौज से सेवानिवृत्त है। इसके अलावा चार पौत्र व एक पौत्री भी उनके परिवार में हैं। हरिसिंह गत वर्ष 23 दिन तक अस्पताल में भर्ती रहे थे।  वे हृदय रोग के मरीज थें और उन्हें हार्ट अटैक भी आ चुका है। सोमवार की सुबह उनका निधन हो गया। उनके निधन की सूचना पर काफी संख्या में ग्रामीण वहां पर पहुंच गए। सीओ रामानंद कुशवाह,एसडीएम दुर्गेश मिश्रा,तहसीलदार प्रदीप कुमार बावली पहुंचे। वहां पर सैनिक सम्मान के साथ हरि सिंह का अंतिम संस्कार हुआ।