प्रभात गंगा संवाददाता
सीसीएसयू के बृहस्पति सभागार में हुआ 'गीता ज्ञान महोत्सव' का आयोजन
मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के बृहस्पति सभागार में सांस्कृतिक गौरव संस्थान के तत्वावधानमें गीता ज्ञान महोत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें अलग-अलग शहरों से आए गीता मनीषियों और प्रचारकों ने भाग लिया।
गीता ज्ञान महोत्सव की अध्यक्षता विख्यात समाज सेवी अजय गुप्ता और संचालन हिन्दू स्वाभिमान की राष्ट्रीय अध्यक्ष व शिवशक्ति धाम डासना की महंत यति मां चेतनानंद सरस्वती ने किया। महोत्सव का आरम्भ आनन्द प्रकाश अग्रवाल सहित सभी अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित करके किया। उसके बाद सत्यकाम इंटरनेशनल की कक्षा-9 की छात्रा नलिनी सिंह ने गीता के कुछ महत्वपूर्ण श्लोकों का पाठ किया। गीता के अवतरण पर प्रकाश डालते हुए अखिल भारतीय संत परिषद के राष्ट्रीय संयोजक यति नरसिंहानन्द सरस्वती ने कहा की अन्याय और अत्याचार की अति का परिणाम महाभारत है और महाभारत का आरम्भ गीता है। लेकिन युद्धभूमि में अवतरित हुआ यह अतुलनीय ग्रंथ अपने आप में मानव जीवन के आध्यात्म और मनोविज्ञान का अनुपम ग्रंथ है, जो किसी भी व्यक्ति या समाज के जीवन का सम्पूर्ण मार्गदर्शन करता है। गीता एक सर्वकालिक और सार्वभौमिक ग्रंथ है, जिसे स्वयं परमात्मा ने अपनी वाणी से मानव को दिया है। गीता की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि गीता किसी भी व्यक्ति का उसके जीवन की किसी भी स्थिति में मार्गदर्शन करने में सक्षम है।
नीति सही तो ही मिलेगी विजय
सांस्कृतिक गौरव संस्थान के राष्ट्रीय महामंत्री दिनेश चंद्र त्यागी ने गीता की शिक्षाओं की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने स्पष्ट रूप से बताया है कि जीवन की कामना रखने वालों में मैं नीति हूं। हमें यह समझ लेना चाहिए कि कोई व्यक्ति या राष्ट्र तभी प्रगति और विजय को प्राप्त कर सकता है जब उसकी नीति सही हो। यदि नीति सही नहीं है तो विजय बहुत मुश्किल है।सरल और व्यवहारिक ग्रंथ है गीता
बताया कि गीता बहुत सरल और व्यवहारिक ग्रंथ है, जिसे समझने के लिए श्रद्धा और विश्वास के अलावा और किसी भी चीज की आवश्यकता नहीं है। हम सनातन धर्मीयों का दुर्भाग्य है कि हम संपूर्ण विश्व में गीता का सही प्रचार प्रसार करने में असफल सिद्ध हुए हैं, वरना धर्म के और आस्था के नाम पर हो रहा है वितंडा और अशांति होती ही नहीं।प्रचार व प्रसार की ली शपथ
गीता ज्ञान महोत्सव में अयोध्या से आए जगद्गुरु परमहंसाचार्य महाराज महामंडलेश्वर शिवानी दुर्गा, महामंडलेश्वर निलिमानंद, डॉ. पियूष गुप्ता आर्य, विदुषी आयुषी राणा ने भी अपने विचार रखे। महोत्सव के अंत में सभी उपस्थित जनसमुदाय ने प्राणपण से गीता के प्रचार, प्रसार की शपथ ली।इनका रहा सहयोग
कार्यक्रम के मुख्य संयोजक कपिल त्यागी और मुख्य समन्वयक अमर शर्मा रहे। राजेश निगम, अमर शर्मा, सचिन मित्तल, सुनील चड्ढा, आशीष नारायण त्यागी, सम्भू पहलवान, सागर पोसवाल, आशुतोष, विक्रांत शर्मा, वरुण शर्मा, सतेंद्र कुमार, विक्रांत गुप्ता, सुनील भाटी, अजय सोम, दीपक जोशी आदि का सहियोग रहा।